हमीरपुर:दर्द से तड़प रही गर्भवती को जंगल में उतारा,रुपयों के लिए एंबुलेंस चालक की हरकत से इंसानियत शर्मसार
इमरान राशिद

हमीरपुर। भौंरा गांव से प्रसूता को लेकर मौहर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ रहे एंबुलेंस स्टाफ के ऊपर प्रसूता के स्वजन ने एक हजार रुपये न देने पर प्रसूता को जंगल में उतारने का आरोप लगाया है। जबकि एंबुलेंस स्टाफ का कहना है कि प्रसव का समय नजदीक होने के कारण वह प्रसूता को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाना चाहते थे लेकिन स्वजन ने हंगामा शुरू कर दिया।
एंबुलेंस चालक अभिषेक कुमार व ईएमटी अजीत कुमार ने बताया कि भौंरा निवासी उत्तम कुमार निषाद ने सूचना दी कि उसकी पत्नी रेखा निषाद को प्रसव पीड़ा हो रही है। सूचना मिलने पर वह एंबुलेंस लेकर गांव पहुंचे और प्रसूता को स्वजन व आशा बहू के साथ लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मौहर आ रहे थे। ईएमटी ने बताया कि प्रसूता की डिलेवरी में बहुत कम समय था।
इसलिए वह महज एक किमी दूर पंधरी एएनएम सेंटर लाने लगे। तभी पारा गांव के पास प्रसूता के ससुर रामस्वरूप निषाद ने अचानक एंबुलेंस का दरवाजा खोल दिय। एंबुलेंस खड़ी करने के बाद उसने जबरिया प्रसूता को गाड़ी से उतार लिया और निजी वाहन से जाने की बात कहने लगा। बताया कि बाद में समझाने-बुझाने के बाद गाड़ी में बिठाया और उन्हें मौहर पीएचसी पहुंचाया। वहीं ससुर ने स्टाफ के ऊपर मौहर पीएचसी छोड़ने के एवज में एक हजार रुपये मांगने का आरोप लगाया है। इस बाबत सीएमओ डा. एके रावत ने बताया कि रिश्वत मांगने का आरोप गलत है। फिर मामले की जांच कराने के बाद यदि दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।